रतन टाटा के अलावा दूसरा कोई नहीं कर सका था ये काम, बने थे पहले भारतीय

27 Jan 2024

By Business Team

रतन टाटा को किसी पहचान की आवश्‍यकता नहीं है. उन्‍होंने कई बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

रतन टाटा 21 साल की उम्र में टाटा ग्रुप के चेयमैन बने थे, जिन्‍होंने अपनी काबिलियत पर कंपनी को नई ऊचाईयों पर पहुंचाया.

2009 में रतन टाटा ने मध्‍यम वर्ग के लिए 1 लाख रुपये से कम कीमत में नैनो कार लॉन्‍च की थी.

रतन टाटा के गाड़ियों के कलेक्‍शन में फरारी से लेकर मर्सिडीज जैसी कई लग्‍जरी कार्स हैं.

दिग्‍गज बिजनेसमैन के नाम एक ऐसी उपलब्‍धि है, जो किसी भी भारतीय के पास नहीं थी.

रतन टाटा भारत के पहले ऐसे व्‍यक्ति हैं, जिन्‍होंने एफ-16 फाल्कन फाइटर जेट उड़ाया था.

इस कारनामे को उन्‍होंने 2007 में बेंगलुरु एयरशो के दौरान हासिल किया था.

आज इस बात की चर्चा इसलिए हो रही है, क्‍योंकि इनकी कंपनी एयबेस के साथ मिलकर हेलीकॉप्‍टर बनाएगी.

भारत सरकार ने रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 के लिए पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया था.

बता दें टाटा समूह के तहत 100 से ज्‍यादा कंपनियां हैं, जिसमें टाटा की चाय से लेकर पांच सितारा होटल तक शामिल है.