23 Sep 2024
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पेट्रोल और डीजल के रेट ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) तय करती हैं. ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल प्राइस के आधार पर OMC हर रोज पेट्रोल-डीजल के रेट को लेकर समीक्षा करती हैं.
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आपको बता दें कि राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल के दाम तय नहीं किए जाते हैं. राज्य और केंद्र सरकार सिर्फ पेट्रोल और डीजल के रिटेल प्राइस पर टैक्स लेती हैं.
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इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल के दाम में संशोधन करती हैं.
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लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि हर राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमत अलग-अलग होती है?
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तो चलिए आज आपको अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों होते हैं?
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पेट्रोल और डीजल के दाम GST के दायरें में नहीं आते हैं.
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बल्कि सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजलों पर एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार की तरफ से वैट (VAT) लिया जाता है.
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इसका साफ मतलब है कि अगर सरकार चाहे तो टैक्स में कमी कर जनता को फायदा पहुंचा सकती है.
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पहले देश में तेल कंपनियां खुद तेल के दाम तय नहीं करती थीं. इसका फैसला सरकार के स्तर पर ही होता था.
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इसके बाद से यह कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हर रोज जो उतार-चढ़ाव होते हैं, इसके अनुसार तेल की कीमतें तय की जाएंगी.
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हर राज्य में टैक्स अलग होता है, इसलिए हर राज्य में तेल के भाव अलग होते हैं. हर राज्य में 17 से 37 फीसदी करीब टैक्स लगाया जाता है.
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अलग-अलग राज्यों में वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) अलग-अलग है, इसलिए हमें अलग-अलग राज्यों में कीमतों में अंतर देखने को मिलता है.
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