होर्मुज टेंशन के बीच भारत ने उठाया था कदम, अब 11 माह के हाई पर रूसी तेल इंपोर्ट

13 July 2025

By: Deepak Chaturvedi

बीते महीनों में ईरान-इजरायल के बीच युद्ध (Iran-Israel War) के चलते जब क्रूड ऑयल को लेकर चिंता बढ़ गई थी.

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तब ईरान की ओर से सबसे अहम तेल मार्ग स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज (Strait Of Hormuz) को बंद करने की धमकियां दी जा रही थीं.

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इसे लेकर चिंता के बीच भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए मिडिल ईस्ट सप्लायर्स के मुकाबले रूस और अमेरिका से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया था.

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पीटीआई की रिपोर्ट में एनालिस्ट्स के हवाले से बताया गया है कि इसका बड़ा असर ये हुआ है कि रूस से तेल आयात (Crude Import From Russia) जून में 11 महीने के हाई पर पहुंच गया है.

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केप्लर के तेल जहाज की निगरानी पर बेस्ड आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने जून में 20.8 लाख बैरल प्रति दिन (BPD) रूसी कच्चे तेल का आयात किया, जो जुलाई 2024 के बाद से सर्वाधिक है.

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Russia से भारत का कच्चे तेल के आयात का ये आंकड़ा इराक, UAE और कुवैत जैसे मिडिल सप्लायर्स से आयातित Crude से भी अधिक है.

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रिपोर्ट्स की मानें, तो जून महीने में इन तमाम मिडिल ईस्ट के देशों से आयात करीब 2 मिलियन बीपीडी (Barrels Per Day) रहा है.

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जून महीने में जहां हर दिन 20.8 लाख बैरल प्रति दिन रूसी क्रूड का आयात किया गया है, तो वहीं इससे पिछले मई महीने में ये आकंड़ा 19.6 लाख बीपीडी था.

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हालांकि, ईरान-इजरायल में सीजफायर होने के बाद स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को लेकर जारी तनाव थम गया है, लेकिल भारत का रूसी क्रूड का आयात बढ़ा है.

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