23 May 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में लगातार तीन कारोबारी दिनों से हरियाली देखने को मिल रही है. हालांकि, गुरुवार को बाजार का मूड बिगड़ा और ये क्रैश हो गया.
लंबे समय बाद भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों (FPI) की वापसी नजर आई, क्योंकि ये लगातार बिकवाल बने हुए थे.
करीब दो महीने तक जमकर बिकवाली करने के बाद एक बार फिर से एफपीआई का भरोसा भारत पर बढ़ा है.
इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि महज 3 कारोबारी दिनों में FPI Investment 11,113 करोड़ रुपये रहा.
बता दें कि दो महीने से भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों की बेरुखी के चलते बाजारों से 1.55 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.
बेरुखी के कारणों का जिक्र करें, तो इसमें चीन के प्रति एफपीआई का आकर्षण और दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों के कमजोर नतीजों का असर देखने को मिला था.
रिपोर्ट के मुताबिक, अब वापसी को देखें तो 3 दिनों के निवेश में सबसे ज्यादा बीते 25 नवंबर को FPI ने किया और 9,947 करोड़ रुपये लगाए.
यही नहीं आज गुरुवार को छोड़ दें तो इस हफ्ते शेयर बाजार (Share Market) में भी बहार देखने को मिली हैं.
बुधवार को सेंसेक्स 230 अंक उछलकर क्लोज हुआ था. लेकिन ये तेजी गुरुवार को थम गई और Sensex 1000 अंक जबकि Nifty 350 अंक तक फिसल गया.
अचानक बाजार टूटने के कारणों पर गौर करें, तो अमेरिकी शेयर बाजार में फेड रेट कटौती की आशंका आईटी शेयरों में गिरावट हावी हुई है, जिसका असर भारत में भी दिखा.
इसके अलावा गुरुवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और टेक महिंद्रा जैसे हैवीवेट शेयरों में 3 फीसदी तक की गिरावट हुई है.
नोट- शेयर बाजार में किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.