ऐसे करें असली सोने की पहचान, आपको अब तक नहीं होगा पता?

29 Oct 2024

By: Business Team

धनतेरस( Dhanteras 2024) और दिवाली (Diwali) के मौके पर ज्वेलरी खरीदने की पुरानी परंपरा रही है.

इस मौके पर लोग पाई-पाई जोड़कर सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं. ऐसे में ये जरूरी है कि आप जो सोना-चांदी खरीद रहे हैं वो प्योर हो और उसमें मिलावट नहीं हो.

जहां तक सोने की शुद्धता (Gold Purity) की बात है, तो धनतेरस हो या आम दिन, केवल और केवल हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही खरीदें.

हॉलमार्क (Hallmark) पर पांच अंक का होता है और सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग-अलग होता है.

24 कैरेट गोल्ड पर 999, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है. इससे शुद्धता में शक नहीं रहता.

बता दें, हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है. इसके तहत हर गोल्ड ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है.

एक तरह से यह कहा जा सकता है कि यह हॉलमार्किंग सरकार द्वारा दी गई सोने की शुद्धता की गारंटी होती है.

इसके अलावा भी आप हॉलमार्क (Hallmark) ज्वेलरी की चार तरह से पहचान कर पाएंगे. 

पहला (बीआईएस मार्क)- हर ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी BSI का लोगो होगा. 

दूसरा (कैरेट में प्योरिटी)- हर ज्वेलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी. 916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वेलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है.

तीसरा- हर ज्वेलरी पर एक विजिबल आइडेंफिकेशन मार्क होगा, जो हालमार्क सेंटर का नंबर होगा.

चौथा- हर ज्वेलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा ज्वेलर कोड के रूप में, यानी यह किस ज्वेलर के यहां बना है, उसकी पहचान होगी.