2 July 2025
BY: Ashwin Satyadev
90 के दशक की शुरुआत टेक्नोलॉजी के लिए काफी महत्वपूर्ण रही है. तकनीकी के बदलते इस दौर में ऑटो सेक्टर भी नित नए प्रयोग कर रहा था.
Credit: Mazda
ये समय जापानी कार कंपनी माज़दा के लिए भी काफी रोमांचक था. माज़दा ने 1991 में 24 घंटे चलने वाली ले-मैन्स रेस जीती थी और यह रेस जीतने वाली पहली जापानी ब्रांड थी.
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इसी दौरान Mazda ने दुनिया के सामने कुछ ऐसा पेश किया जिसे देखकर हर कोई हैरान था. दरअसल, माज़दा ने सूटकेस कार (Suitcase Car) कॉन्सेप्ट को शोकेस किया था.
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3 पहियों वाली इस छोटे से सूटकेस कार के कॉन्सेप्ट कार को अमेरिका और यूरोप में ऑटो शो में प्रदर्शित किया गया.
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सूटकेस के भीतर एक गैसोलीन इंजन और तीन पहिए लगे हुए थें. जिसमें एक व्यक्ति के बैठने के लिए एक छोटी सी सीट भी दी गई थी.
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माज़दा के इंजीनियर योशिमी कानेमोटो सहित 7 इंजीनियरों की टीम ने बहुत ही संजीदगी से 57 सेमी x 75 सेमी के सैमसोनाइट सूटकेस में 34 सेमी क्यूब का टू-स्ट्रोक इंजन लगाया गया था.
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कार में किसी मोटरसाइकिल की तरह ट्विस्टग्रिप थ्रॉटल के साथ छोटे फोल्ड-आउट हैंडलबार दिए गए थें. इसके अलावा पिछले पहिए में डिस्क ब्रेक भी दिया गया था.
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इसमें वाइड टर्न के लिए एक डिफरेंशियल के साथ और तीन पहिए (सामने की तरफ एक और बाहर की तरफ दो) दिए गए थे.
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उस वक्त इस प्रोटोटाइप की लागत लगभग 5,000 अमेरिकी डॉलर थी. हालांकि ये कभी प्रोडक्शन मॉडल के तौर पर पेश नहीं किया गया.
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इस छोटी कार की ख़ास बात ये थी इसे किसी आम ट्रॉली-सूटकेस की ही तरह फोल्ड कर के कहीं भी ले जाया जा सकता था.
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