5 May 2025
BY: Aaj Tak Auto
देश की राजधानी दिल्ली में कारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हर गली में आपको कारों की लंबी कतार खड़ी नज़र आ जाएगी.
आलम ये है कि एक घर में तीन से लेकर चार कारें तक भी देखने को मिलती हैं. जो न केवल प्रदूषण में इजाफे का कारण बन रहे हैं बल्कि पार्किंग की समस्या भी बढ़ रही है.
ऐसे में दिल्ली सरकार एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति (EV Policy 2.0) लाने की तैयारी में है. इस नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का ड्राफ्ट कथित तौर सामने आ चुका है.
जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने और फॉसिल फ्यूल (पेट्रोल-डीजल और सीएनजी) से चलने वाले वाहनों पर रोकथाम लगाने की बात की जा रही है.
नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी काफी हद तक कारों के लिए परिवार नियोजन जैसी ही लग रही है. जैसे जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए हम दो हमारे दो की नीति अपनाई गई थी.
इस ड्राफ्ट के अनुसार दिल्ली के हर घर में खरीदी जाने वाली तीसरी निजी कार इलेक्ट्रिक वाहन ही होनी चाहिए.
यानी जिनके पास दो कारें (पेट्रोल-डीजल या सीएनजी) हैं और वो तीसरी कार खरीदना चाहते हैं तो उन्हें इलेक्ट्रिक कार ही खरीदनी होगी.
हालांकि जिनके पास पहले से तीन या चार कारें हैं उन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. लेकिन आगे से यदि वो नई कार खरीदना चाहते हैं तो वो इलेक्ट्रिक ही होनी चाहिए.
नई नीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 2027 तक दिल्ली में रजिस्टर्ड 95 प्रतिशत नए वाहन इलेक्ट्रिक होंगे और 2030 तक इसे बढ़ाकर 98 प्रतिशत तक किया जाएगा.
इस ड्राफ्ट के अनुसार अगस्त 2026 से गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (स्कूटर-बाइक) के रजिस्ट्रेशन पर भी प्रतिबंध लगाने की भी उम्मीद है.
यानी अगले साल अगस्त से दिल्ली में पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा.
इसके अलावा अगस्त 2025 से दिल्ली में सीएनजी ऑटो के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगाने की योजना है. मौजूदा सीएनजी ऑटो को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करना होगा.