28 June 2025
BY: Aaj Tak Auto
मध्य प्रदेश से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले में शामिल 19 कारों में डीजल की जगह पानी भरा मिला.
सीएम के काफिले में शामिल 19 कारों में ढोसी गांव के पास पेट्रोल पंप पर डीजल भरवाया गया था. डीजल भरवाने बाद ये कारें कुछ दूर तक गई और उसके बाद अचानक बंद हो गईं.
जब वाहनों की जांच की गई तो पाया गया कि, इनमें डीजल की जगह पानी भरा गया था. जिसके चलते थोड़ी दूर तक चलने के बाद ये वाहन बंद हो गए थें.
तो आइये जानें, कि यदि आपकी कार (डीजल हो या पेट्रोल) के फ्यूल टैंक में गलती से पानी चला जाए तो क्या नुकसान हो सकता है, तथा इससे कैसे बचा जा सकता है.
अगर आपके वाहन के फ्यूल टैंक में पानी है, तो इग्निशन और एक्सीलरेशन में कमी आएगी. साथ ही गाड़ी बार-बार बंद होगी. यदि ऐसा होता है तो वाहन की जांच करवानी जरूरी है.
इसके अलावा इंजन का झटके खा कर बंद होना, एग्जॉस्ट से सफेद धुंआ निकलना, फ्यूल टैंक खोलने पर बदबू या सफेद झाग दिखाई देना, अचानक पिकअप डाउन होना भी संकेत हैं.
यदि वाहन के फ्यूल टैंक में पानी चाला जाता है तो ये वाहन के बहुत सारे कंपोनेंट्स को नुकसान पहुंचा सकता है. देखें किस तरह डैमेज होगा मैकेनिज़्म-
पेट्रोल या डीजल के साथ पानी जब इंजन में जाता है तो इंजन के भीतर कम्बशन (फ्यूल जलने की) प्रक्रिया नहीं हो पाती है. इससे गाड़ी झटके खाने लगती है और कई बार स्टार्ट ही नहीं होती.
पानी के चलते फ्यूल इंजेक्टर में जंग (Rust) की समस्या हो सकती है. जिससे इंजेक्टर ठीक से काम नहीं करेगा और इंजन स्टार्ट नहीं होगा. ये इंजेक्टर को भी डैमेज कर सकता है.
यदि फ्यूल टैंक से पानी नहीं निकलवाया जाता है तो लगातार पानी मिलने से इंजन और फ्यूल लाइन में जंग लग जाती है. जिससे परमानेंट डैमेज हो सकता है.
फ्यूल में पानी के चलते इंजन ठीक से पावर नहीं बना पाता, जिससे वाहन का पिकअप और माइलेज दोनों घट जाते हैं.
फ्यूल की तुलना में पानी भारी होता है और वो टैंक में नीचे जमा हो जाता है. इससे फ्यूल पंप में सीधे पानी जाएगा, जिससे वो फेल हो सकता है.
हमेशा भरोसेमंद पेट्रोल पंप से ही फ्यूल भरवाएं. कई बार फ्यूल स्टेशन पर स्टोरेज टैंक में पानी जाने या जान बूझकर पानी मिलाए हुए फ्यूल की बिक्री की जाती है.
रेन प्रोटेक्शन कवर का उपयोग करें, खासकर बाइक के लिए ये बेहद ही जरूरी है. पुरानी बाइक्स के फ्यूल कैप में ग्रिप रबर घिस जाते हैं जिससे बारीश का पानी आसानी से टैंक में चला जाता है.
फ्यूल टैंक का कैप हमेशा ठीक से बंद करें, समय-समय पर फ्यूल टैंक और लाइन की साफ-सफाई कराते रहें. इससे पता चलेगा कि कहीं टैंक में पानी तो नहीं है.
पानी जाने की स्थिति में तुरंत मैकेनिक से जांच कराएं. ध्यान रखें कि देर करने से नुकसान बढ़ सकता है और ये इंजन मैकेनिज़्म को पूरी तरह डैमेज कर सकता है.