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दरिया हुई दिल्ली! ड्राइविंग के समय 'हाइड्रोप्लेनिंग' बन सकता है खतरा, जानें कैसे बचे

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28 June 2024

BY: Aaj Tak Auto

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मानूसन ने उत्तर भारत में दस्तक दे दी है. इसी के साथ बीते दो दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में भी मौसम ने करवट ले ली है. भारी बारीश ने दिल्ली को दरिया बना दिया है. 

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दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में भारी बारीश के चलते जल-जमाव हो गया है. शहर के भीतर कई अंडरपास में पानी भर जाने के कारण वाहन चालकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

Delhi IGI Airport India Today

इस बीच दिल्ली IGI एयरपोर्ट से एक दिल दहला देने वाली खबर आई. जहा टर्मिनल-1 पर पार्किंग की छत गिरने से कार में बैठे एक कैब ड्राइवर की मौत हो गई है जबकि 6 लोग घायल हो गएं.

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इसके अलावा कुछ जगहों पर जल जमाव के चलते ड्राइविंग के समय हाइड्रोप्लेनिंग की स्थिति भी बनते हुए देखी गई है. ऐसे में सेफ ड्राइविंग के लिए कुछ ख़ास बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.

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हाइड्रोप्लेनिंग की स्थिति तब बनती है जब कार भारी जल-जमाव वाले इलाके से गुजरती है. ज्यादा पानी भरे होने के चलते कार के टायर रोड को छोड़कर उपर उठ जाते हैं. ऐसा महसूस होता है कि कार पानी की सतह पर तैर रही है.

क्या होता है हाइड्रोप्लेनिंग?

हाइड्रोप्लेनिंग की स्थिति में ब्रेक का इस्तेमाल न करें. ऐसे में एक्सलेटर से पैर हटाकर कार को सुरक्षित दिशा की तरफ लेकर जाएं. ऐसा तब तक करें जब तक कि टायर और सड़क का संपर्क न बन जाए.

Credit: ANI

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अगर आपको अचानक ब्रेक लगाने की ज़रूरत महसूस हो तो पहले अपनी गति कम करें. इससे आपकी रुकने की दूरी में काफ़ी सुधार आएगा. इससे हाइड्रोप्लेनिंग का जोखिम भी कम होगा.

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रूके हुए पानी में बहुत तेज़ गति से गाड़ी चलाने से टायरों का सड़क से संपर्क छूट सकता है. हाइड्रोप्लेनिंग की स्थिति की शुरुआत ऐसे ही होती है.

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अगर अचानक स्टीयरिंग हल्का महसूस हो तो एक्सीलेटर को कम करें, ब्रेक न लगाएँ और अपनी गति को तब तक कम होने दें जब तक कि आप स्टीयरिंग पर फिर से पूरा नियंत्रण हासिल न कर लें.

सामने वाले वाहनों से दूरी बना कर चलें. हो सकता है कि उन वाहनों के टायर ठीक ढंग से गीली सड़कों पर काम न करें और आप किसी दुर्घटना का शिकार हो जाए.

अपनी कार के टायर के थ्रेड्स और ब्लॉक की जांच करें. यदि वो घिस गए हों तो तत्काल बदलें. हमेशा बेहतर ग्रिप और ब्लॉक वाले अच्छी क्वॉलिटी के टायर का ही इस्तेमाल करें.

मोड़ पर स्पीड को धीमा करते हुए आस-पास और पीछे के वाहनों पर साइड मिरर से नज़र रखते हुए कार को टर्न करें. सड़क के किनारे यदि मिट्टी हो जो कार को भूलकर भी उस तरफ न ले जाएं.

बारीश में ड्राइविंग के दौरान हमेशा कार की हेडलाइट और वाइपर्स को ऑन रखें. इससे विजिबिलिटी बेहतर होगी और आप सुरक्षित ड्राइविंग कर सकेंगे.

टनल या अंडर पास से होकर गुजरने से बचे. दिल्ली जैसे शहरों में थोड़ी सी बारीश के बाद ही अंडरपास में पानी भर जाता है. जो कि एक बड़ी मुसीबत है.

मानसून के चलते कार के केबिन में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है. जिससे विंडशील्ड पर फॉग या धुंध जमना आम बात है. ऐसे में कार के में दिए गए डिफ्रॉस्ट (Defrost) बटन या हीटर का इस्तेमाल करें.

भारी बारीश के दौरान वाहन को कभी भी किसी पेड़, पुरानी इमारत या फिर ऐसे ब्रिज़ (पुट-ओवर ब्रिज़ या पुल) जो पुराने हो उनके नीचे न खड़ा करें.