14 July 2025
BY: Aaj Tak Auto
समय के साथ कारों का स्वरूप भी टेक्निकल गैजेट्स की तरह बदलता जा रहा है. आए दिन नए फीचर्स को शामिल किया जा रहा है ताकि ड्राइविंग आसान और सुरक्षित बने.
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सेफ ड्राइविंग की दिशा में सीट-बेल्ट और एयरबैग (Airbags) को बेहद ही सुरक्षित माना जाता है. ये एक बहुत ही जरूरी और उम्दा सेफ्टी फीचर है.
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साउथ करोलिना की क्लेमसन यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, एक्सीडेंट का पता लगने और एयरबैग के पूरी तरह से खुलने के बीच का समय लगभग 0.015 सेकंड से 0.050 सेकंड लगता है.
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पलक झपकने से पहले एयरबैग डिप्लॉय हो जाता है जिससे यात्रियों की जान बचती है. एयरबैग डिप्लॉय होने की स्पीड लगभग 300 किमी प्रतिघंटा होती है.
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Airbag ने दुनिया भर में होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में लाखों लोगों की जान बचाई है. यही कारण है कि सरकार सभी कारों में इनकी संख्या को बढ़ाने पर जोर दे रही है.
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अब भारत में बेची जाने वाली ज्यादातर कारों में चाहे वो एंट्री लेवल बज़ट कार हो या लग्ज़री सभी में 6 एयरबैग दिया जाने लगा है. कुछ कंपनियां इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं.
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि, आपकी छोटी सी लापरवाही के चलते ये एयरबैग आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.
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यदि आपके कार में भी एयरबैग (जाहिर है कम से कम 2 एयरबैग तो होगा ही) है, तो आपको इन गलतियों से बचना चाहिए. आगे की स्लाइड में देखें एयरबैग से लैस कार में आपको क्या नहीं करना चाहिए.
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स्टीयरिंग व्हील के सेंटर में एयरबैग इंस्टॉल होता है. इसलिए स्टीयरिंग व्हील पर किसी तरह का कांच वाला शार्प (डायमंड इत्यादि) जैसा डेकोरेशन न करें.
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ड्राइविंग के दौरान कभी भी डैशबोर्ड पर पैर फैला कर न बैठें. एक्सीडेंट के समय एयरबैग डिप्लॉय होने पर इसकी स्पीड से पैर टूट सकता है.
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ड्राइविंग के दौरान कभी भी डैशबोर्ड पर पैर फैला कर न बैठें. एक्सीडेंट के समय एयरबैग डिप्लॉय होने पर इसकी स्पीड से पैर टूट सकता है.
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कारों में को-ड्राइवर्स के लिए डैशबोर्ड पर एयरबैग इंस्टाल किया गया होता है. इसलिए डैशबोर्ड पर कोई भी शॉर्प ऑब्जेक्ट डेकोरेशन के तौर पर न लगाएं.
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