13 November 2024
BY: Aaj Tak Auto
बीते कुछ दिनों से देश की राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में आसमान में धुंध छाना शुरू हो चुका है. बढ़ते प्रदूषण और स्मॉग के चलते दिल्ली आबो-हवा खराब हो चुकी है.
दिल्ली, लखनऊ या पटना के ज्यादातर इलाकों एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच चुका है. ऐसे में गैस चेंबर शहरों में दोपहिया चालकों को खासी समस्या हो रही है.
ज्यादातर लोगों ने बाइक राइडिंग के समय तमाम तरह की शारीरिक दिक्कतों की शिकायत की है. तो आइये जानें दोपहिया चालकों के लिए ये स्मॉग कितना खतरनाक है और इससे कैसे बच सकते हैं.
स्मॉग धुएं और प्रदूषण का मिश्रण होता है. स्मॉग तब बनता है जब कुछ प्रदूषक (Pollutants) हवा में मिलकर रिएक्शन करते हैं. खासकर धूप वाले दिनों में.
इसकी शुरुआत वाहन, कारखानों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले धुएं से होती है. जो नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और कार्बनिक यौगिक (VOCs) छोड़ते हैं. ये स्मॉग के मुख्य कंपोनेंट हैं.
वायु प्रदूषण के चलते सांस संबंधी समस्याएं होना सबसे आम है. दोपहिया चालकों को अक्सर सिरदर्द, एंजॉयटी और यहां तक कि थकावट महसूस हो सकती है.
इसके अलावा प्रदूषित हवा आंख, गले और नाक में जलन भी पैदा करता है. हवा में मौजूद कुछ जहरीले पाटिकल्स सांस के जरिए फेफड़ों में चले जाते हैं जो बड़ी परेशानी का कारण बनते हैं.
दोपहिया चालकों के लिए स्मॉग से बचना बेहद जरूरी है. क्योंकि वो खराब हवा के बीच उनका एक्सपोजर सबसे ज्यादा होता है. इसके लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं.
घर से बाहर निकलते वक्त अच्छी क्वॉलिटी के (N95) मास्क का इस्तेमाल करें. सामान्य कपड़े के मास्क ऐसी जहरीली हवा में छुपे कंपोनेंट्स से बचाव नहीं कर सकते हैं.
बाइक या स्कूटर चलाते वक्त ऐसे चश्में का प्रयोग करें जो आपकी आखों को पूरी तरह से कवर करे. सन ग्लॉसेज इसके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
हमेशा फुल-फेस हेलमेट का इस्तेमाल करें. इससे हेलमेट हवा और आपके फेस के बीच एक कवच की तरह काम करेगा. जिससे आपका फेस जहरीली हवा के संपर्क में कम आएगा.
घर से बाहर निकलने के लिए सही समय का चुनाव करें. हाई-स्मोक वाले समय में दोपहिया चलाने से बचें. आमतौर पर सुबह और देर शाम को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में स्मॉग का लेवल सबसे ज्यादा रहता है.
सही रूट का चुनाव करना बेहद जरूरी है. हमेशा ऐसे रास्तों पर निकलें जहां वाहन का आवागमन कम हो और फैक्ट्री इत्यादि न हो.
घर से निकलने से पहले आप अपने स्मार्टफोन से अपने रूट के AQI की जांच कर सकते हैं. इसके मौसम विभाग लाइव जानकारी भी प्रदान करता है.