20 August 2025
BY: Ashwin Satyadev
हाल के दिनों में एथेनॉल ब्लेंड (E20 Petrol) फ्यूल खूब चर्चा में रहा है. कई लोगों ने शिकायत की कि, एथेनॉल ब्लेंड पेट्रोल से उनके वाहनों का माइलेज और परफॉर्मेंस खराब हुआ है.
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वहीं इस मामले में सरकार ने भी स्वीकार किया है कि, चार पहिया वाहनों के लिए अनुमानित 1-2% और अन्य वाहनों के माइलेज में लगभग 3-6% की गिरावट आ सकती है.
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ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि, आपके वाहन (कार या बाइक) के लिए किस तरह का पेट्रोल सही होगा. लेकिन इससे पहले यह जान लें कि, फ्यूल किस तरह से वाहन पर असर डालता है.
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अगर पेट्रोल की क्वालिटी खराब हो या ऑक्टेन नंबर कम हो, तो 'नॉकिंग' (Knocking) हो सकती है. जिससे पिस्टन, वाल्व और सिलेंडर वॉल को नुकसान पहुंचता है.
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अगर फ्यूल ठीक से जला न हो (Incomplete Combustion) तो कार्बन डिपॉज़िट बनाता है, जिससे पिस्टन रिंग्स घिसने लगती हैं और इंजन की कम्प्रेशन क्षमता घट जाती है.
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कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि, ज्यादा एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से इंजेक्टर में गंदगी और ब्लॉकेज हो सकता है. इससे फ्यूल का स्प्रे पैटर्न खराब होता है और माइलेज घटता है.
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इसके अलावा अगर फ्यूल इंजन में ठीक से न जले तो सल्फर युक्त पेट्रोल कैटेलिटिक कन्वर्टर को जाम कर देता है, जिससे उत्सर्जन (emissions) बढ़ जाते हैं.
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खराब क्वालिटी का पेट्रोल सेंसर पर कार्बन की परत बना देता है, जिससे ECU को गलत रीडिंग मिलती है और परफॉर्मेंस गिरती है.
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पेट्रोल में मौजूद कुछ केमिकल्स (जैसे बेंजीन, टोल्यून) रबर सील्स, गैस्केट और पाइप्स को समय के साथ हार्ड कर देते हैं, जिससे क्रैक्ड हो सकता है.
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आइये अब जानें कि, भारत में कितने तरह का पेट्रोल मिलता है और आपके वाहन के लिए कौन सा बेस्ट ऑप्शन है.
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इसे अनलेडेड पेट्रोल भी कहा जाता है. ये 91 ऑक्टेन रेटिंग के साथ आता है और इसका इस्तेमाल ज्यादातर वाहनों में किया जा सकता है. इसमें XP95 जैसी विशेषताएं नहीं होती हैं.
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प्रीमियम पेट्रोल एक हाई-ऑक्टेन फ्यूल है, जिसकी रेटिंग 95 और 100 के बीच होती है. इसे हाई-कंप्रेस्ड वाले इंजनों में बेहतर परफॉर्मेंस और कम नॉकिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है.
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इसे कंपनियां भिन्न नामों से बेचती हैं. जैसे इंडियन ऑयल XP95 और XP100, भारत पेट्रोलियम स्पीड और स्पीड 97, जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पास पॉवर और पॉवर95 है.
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इथेनॉल, जिसे रासायनिक रूप से एथिल अल्कोहल (C2H5OH) कहा जाता है, एक बायोफ्यूल है जो गन्ने या मैक्के जैसे फूड ग्रेंस से प्राप्त शर्करा को फर्मेंट करके बनाया जाता है.
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इसमें 'E' एथेनॉल को और इसके आगे का अंक 10 या 20, पेट्रोल में उसकी मात्रा को दर्शाते हैं. मसलन E10 में 10% एथेनॉल और 90 प्रतिशत पेट्रोल होता है.
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वहीं E20 में 20 प्रतिशत एथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल होता है. भविष्य में, सरकार पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ा कर 27% करने पर भी विचार कर रही है.
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शुरुआत में पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना था कि, एथेनॉल की ऑक्टेन रेटिंग पेट्रोल से ज़्यादा होती है (84.4 की तुलना में 108.5), जो दर्शाता है.
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अप्रैल 2023 के बाद से ज्यादातर वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने वाहनों को E20 के मानकों के अनुसार अपडेट कर दिया है.
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हालांकि अब तक नए वाहनों में E20 फ्यूल के नकारात्मक असर का कोई मामला सामने नहीं आया है.
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