इलेक्ट्रिक वाहन होंगे और सुरक्षित! BIS ने लागू किए नए सेफ्टी नॉर्म्स

25 June 2024

BY: Aaj Tak Auto

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. सरकार भी पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है. 

लेकिन इन सब के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की सेफ्टी को लेकर लोगों के जेहन में तमाम सवाल थें. वजह थी इलेक्टिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं का सामने आना.

लेकिन अब EV की क्वॉलिटी को लेकर नए नॉर्म्स और स्टैंडर्ड लागू कर दिए गए हैं. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता और सेफ्टी को लेकर नए नॉर्म्स लॉन्च किया है.

BIS ने पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट के लिए "आईएस 18590: 2024" और "आईएस 18606: 2024" नॉर्म्स जारी किया है. जिसका उद्देश्य EV की सेफ्टी सुनश्चित करना है.

इसके अलावा BIS ने इलेक्ट्रिक रिक्शा और ई-कार्ट जैसे कॉमर्शियल सेग्मेंट के इलेक्ट्रिक वाहनों पर नज़र रखने के लिए "आईएस 18294: 2023" नॉर्म्स जारी किया है.

पिछले कुछ सालों में कम दूरी की यात्राओं के विकल्प के रूप में भारतीय सड़कों पर इलेक्ट्रिक रिक्शा का प्रयोग काफी बढ़ गया है. हर छोटे-बड़े शहर में इनकी भारी तादात देखी जा सकती है.

किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन में बैटरी की सेफ्टी सबसे जरूरी है. इसलिए, इन मानक मानदंडों को लागू करके, बीआईएस का उद्देश्य बैटरी की खराबी से जुड़े जोखिमों को कम करना है.

ये सभी स्टैंडर्ड नॉर्म्स अब इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेस और डेवलपमेंट के विभिन्न पहलुओं को सुनिश्चित करने के लिए लागू हो गए हैं. 

बीआईएस का लक्ष्य एक मजबूत इंफ्रा तैयार करना है. जो इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और विकास पर कड़ी निगरानी रखकर देश में ईवी इंडस्ट्री को बेहतर गति दे सके.

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है. BIS भारत में बेचे जाने वाले वस्तुओं की गुणवत्ता पर नज़र रखते हुए उन्हें क्वॉलिटी सर्टिफिकेशन प्रदान करता है.

क्या है BIS?

ये एजेंसी डिर्पाटमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स यानी कि उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अन्तर्गत आता है.

आप किसी भी वस्तु पर इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूशन (ISI) का मार्क देखकर यह जान सकते हैं कि, उक्त वस्तु भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित है.