Driving Licence टेस्ट के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव! 1 जून से होगा लागू

17 May 2024

BY: Aaj Tak Auto

सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब आवेदक को सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, निजी संस्थान अब ड्राइविंग टेस्ट करने और सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अधिकृत होंगे. ताकि जिन लोगों को उन्होंने ट्रेनिंग दी है उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सके.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, इस नए नियम को आगामी 1 जून 2024 से लागू किया जाएगा. इससे पहले सरकार ने पब्लिक में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

सरकार के इस नए नियमों में एक उल्लेखनीय पहलू ये भी है कि, लगभग 9,00,000 पुराने सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा. 

नियम के अनुसार तेज गति से वाहन चलाने पर जुर्माना 1000-2000 रुपये है. अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते पकड़ा गया तो उसे 25,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. 

इसके अलावा वाहन के मालिक का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और नाबालिग को 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस नहीं मिल पाएगा.

सरकार ने देश भर में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए भी कुछ ख़ास नियम बनाए हैं. मसलन उनकी योग्यता क्या होनी चाहिए और सेंटर्स पर किस तरह की सुविधा मुहैया करानी है.

ट्रेनिंग सेंटर के लिए नियम:

इस फेसिलिटी के लिए कम से कम 1 एकड़ जमीन चाहिए होगी. इसके अलावा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास चार पहिया वाहनों के लिए अतिरिक्त 2 एकड़ जमीन होनी अनिवार्य होगी.

कितनी जमीन चाहिए?

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां पर हर किसी का बिना किसी परेशानी के आसानी से पहुंचना संभव हो. मतलब आने-जाने के मार्ग में कोई अवरोध न हो.

एक्सेस के लिए नियम:

ट्रेनर्स के पास कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या समकक्ष शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, उनके पास कम से कम 5 वर्ष का ड्राइविंग अनुभव होना अनिवार्य है. 

ट्रेनर्स की योग्यता:

इसके अलावा ड्राइविंग ट्रेनर्स को बायोमेट्रिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम की भी बुनियादी जानकारी होना जरूरी है.

हल्के वाहन की ट्रेनिंग को कम से कम 29 घंटे के प्रशिक्षण के साथ 4 सप्ताह से कम समय में पूरा किया जाना चाहिए. ये ट्रेनिंग थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल दो सेक्शन में होगी.

ट्रेनिंग का समय:

थ्योरेटिकल ट्रेनिंग 8 घंटे का होना चाहिए, जबकि प्रैक्टिकल के लिए 21 घंटे का समय निश्चित किया गया है. सरकार ये नियम इसलिए बना रही है ताकि योग्य ड्राइवर्स को ही लाइसेंस मिल सके.

भारी मोटर वाहनों के लिए 38 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी. जिसमें 8 घंटे की थ्योरेटिकल एजुकेशन और 31 घंटे का प्रैक्टिकल शामिल किया गया है. यह प्रशिक्षण 6 सप्ताह के भीतर पूरा किया जाना चाहिए.

हैवी वाहनों की ट्रेनिंग:

लर्नर लाइसेंस: 200 रुपये लर्नर लाइसेंस रिन्यूअल: 200 रुपये पर्मानेंट लाइसेंस: 200 रुपये अंतर्राष्ट्रीय लाइसेंस: 1000 रुपये

कितनी होगी फीस: