18 March 2024
BY: Aaj Tak Auto
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. बावजूद इसके रोड एक्सीडेंट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
सरकार की नई पहल के तहत सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को अब सबसे पहले अस्पतालों में चिकित्सा सहायता मिलेगी.
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केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज प्रदान करने के लिए एक पायलट प्रोग्राम की घोषणा की है.
इस पायलट प्रोग्राम को फिलहाल चंडीगढ़ में शुरू किया गया है और इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के तत्वाधान में किया जा रहा है.
केंद्र के एक बयान में कहा गया है कि, पायलट प्रोजेक्ट के तहत पीड़ितों को दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस उपचार उपलब्ध कराया जाएगा.
इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर इलाज प्रदान करने के लिए एक इकोसिस्टम डेवलप करना है.
अस्पताल द्वारा इलाज के लिए जिस भी खर्च का दावा किया जाएगा उसका भुगतान मोटर वाहन दुर्घटना निधि से किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट हर श्रेणी के मोटर वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर लागू होगा.
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) इस पायलट प्रोग्राम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी का काम करेगा, जो पुलिस, अस्पतालों, स्टेट हेल्थ एजेंसी (SHA) और अन्य के साथ कोऑर्डिनेशन करेगा.
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ये प्रोग्राम एक IT प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया जाएगा, जो MoRTH के ई-डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट (eDAR) एप्लिकेशन और NHA के ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (TMS) के साथ मिलकर काम करेगा.
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MoRTH के अनुसार, साल 2022 में कुल 461,312 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 168,491 लोगों की जान चली गई, जबकि 443,366 लोग घायल हुए.
दुर्घटना में घायल पीड़ितों को मुफ्त और कैशलेस इलाज संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का हिस्सा है. हालांकि कुछ राज्यों ने इसे लागू कर दिया है, अब इसे फुल-स्केल पर लागू करने की तैयारी है.