साइकिल पार्ट्स से शुरुआत... और बना दी दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी

1 July 2024

BY: Ashwin Satyadev

आजादी के बाद भारत अपने पैरों पर खड़ा हो रहा था. ऐसे में कई दिग्गज़ों की दूरदर्शिता ने इस देश में इंडस्ट्री ग्रोथ को बल दिया और अर्थव्यवस्था को मजबूती दी. ऐसे ही एक लीजेंड थें बृजमोहन लाल मुंजाल.

तकरीबन 100 साल पहले आज ही के दिन 1 जुलाई 1923 को अविभाजित भारत के कमालिया (अब पाकिस्तान के टोबा टेक सिंह जिले में) में बृजमोहन लाल मुंजाल का जन्म हुआ था. 

वे 1944 में 20 साल की उम्र में अपने तीन भाइयों दयानंद, सत्यानंद और ओम प्रकाश के साथ कमालिया से अमृतसर आए थें. उन्होंने अपना करियर इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करके शुरू किया था. 

Courtesy: Munjal Family

आगे चलकर अमृतसर में मुंजाल और उनके भाइयों ने साइकिल पार्ट्स का व्यवसाय शुरू किया. बाद में वे लुधियाना चले गए, जहाँ 1954 में उन्होंने हीरो साइकिल्स लिमिटेड की स्थापना की.

 1956 में पंजाब सरकार ने साइकिल बनाने का लाइसेंस जारी किया. उनकी कंपनी को यह लाइसेंस मिला और यहीं से उनकी दुनिया बदल गई. 

Credit: Rakesh Vasisht/Linkedin

सरकार से 6 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और अपनी खुद की पूंजी के साथ, हीरो साइकिल्स ने "लार्ज स्केल यूनिट" का दर्जा प्राप्त करके साइकिल मैन्युफैक्चरिंग में कदम रखा. 

Credit: IndiaHistorypic/X

1975 तक यह भारत की सबसे बड़ी साइकिल कंपनी बन गई थी और 1986 में हीरो साइकिल्स को दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल कंपनी के रूप में गिनीज बुक में दर्ज किया गया.

साइकिल कंपनी के बाद बृजमोहन लाल मुंजाल ने हीरो मैजेस्टिक नाम से दोपहिया वाहन कंपनी की शुरुआत की. इसमें उन्होंने मैजेस्टिक स्कूटर और मोपेड बनाना शुरू किया. 

1984 में उन्होंने जापान की बड़ी ऑटो कंपनी होंडा के साथ डील की और यहीं से हीरो-होंडा की शुरुआत हुई. होंडा के साथ मिलकर उन्होंने हरियाणा के धारूहेड़ा में पहला मोटरसाइकिल प्लांट लगाया. 

13 अप्रैल 1985 को हीरो होंडा की पहली बाइक CD 100 बाजार में आई जो ख़ासी लोकप्रिय हुई. इसके बाद हीरो ने अब तक बाजार में कई नए मॉडलों को पेश किया है.

Credit: Hero MotoCorp

साइकिल पॉर्ट्स से शुरू हुआ सफर आज दुनिया के सबसे बड़े दोपहिया निर्माता तक पहुंच चुका है, जो अनवरत जारी है.