30 May 2025
BY: Aaj Tak Auto
भारत में अपनी कार को नए एक्सेसरीज़ से सजाने का खूब चलन देखने को मिलता है. कुछ लोग कार को यूनिक लुक देने के लिए मॉडिफिकेशन का भी सहारा लेते हैं.
जहां ये एक्सेसरीज और मॉडिफिकेशन सड़क पर आपकी कार को अलग लुक देते हैं. वहीं कभी-कभी ये परेशानी का भी सबब बनते हैं.
देश के मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार वाहन में कुछ चुनिंदा एक्सेसरीज और मॉडिफिकेशन को अवैध (Illigal Modification) माना गया है.
यदि आपकी कार में भी ये चीजें मिलती है तो ट्रैफिक पुलिस वाहन का मोटा चालान काट सकती है. तो आइये जानें उन एक्सेसरीज और मॉडिफिकेशन के बारे में जो अवैध हैं.-
कार के विंडो पर ब्लैक फिल्म, टिंटेड ग्लॉस या कर्टन का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है. नियमानुसार विंडशील्ड की विजिबिलिटी 70% और विंडो ग्लॉस 70% तक क्लीयर विजिबल होना चाहिए.
आज कल कारों में LED लाइट, बार लाइट या हाई-बीम लाइट्स का चलन बढ़ रहा है. शहरों में इनका इस्तेमाल करना अवैध है. हाईवे पर या खराब मौसम में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
लोग शौकिया तौर पर ऐसे टायर्स लगवाते हैं जो कार की बॉडी से बाहर निकले होते हैं. कंपनी द्वारा निर्देशित साइज से बड़े अलॉय व्हील और टायर्स का इस्तेमाल भी गैरकानूनी माना जाता है.
कई बार लोग अपने वाहन का रंग बदलवा देते हैं या बॉडी रैप करवा देते हैं. ध्यान रखें वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) के अनुसार ही गाड़ी का कलर होना अनिवार्य है.
पहले लोग अपनी पसंद की नंबर प्लेट लगवा लेते थे. जिसमें अलग फॉन्ट, साइज, स्टाइल का इस्तेमाल होता था. लेकिन अब हर गाड़ी के लिए सिर्फ हाई-सिक्योरिटी (HSRP) नंबर प्लेट अनिवार्य है.
मोटर व्हीकल एक्ट नियम 39/192 के अनुसार कार, बाइक या अन्य किसी भी तरह के वाहन में यदि प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल किया जाता है तो यह ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है.