कितना सेफ है FLIGHT में सफर, कौन सी SEAT होती है सबसे सुरक्षित? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

13 June 2025

BY: Aaj Tak Auto

गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास बड़ा विमान हादसा हुआ है. यहां एयरपोर्ट से सटे मेघानी नगर में एअर इंडिया का एक यात्री विमान (AI171) हादसे का शिकार हो गया.

अहमदाबाद में प्लेन क्रैश

एयर इंडिया के मुताबिक इस विमान में क्रू-मेंबर और 242 यात्री सवार थें. जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनैडियन और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल हैं.

सवार थे 242 यात्री

इन विमान ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरा था. लेकिन एयरपोर्ट पर टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया. हालांकि अभी हादसे के कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.

टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश

लेकिन लोगों के बीच इस बात की चर्चा जरूर हो रही है कि क्या फ्लाइट में सफर करना सेफ है? या फिर किसी भी फ्लाइट में सबसे सुरक्षित सीट कौन सी होती है? 

फ्लाइट से यात्रा कितना सेफ

सबसे पहले यह जान लें कि, हवाई यात्रा ट्रांसपोर्ट के सबसे सुरक्षित साधनों में से एक है. ये न केवल समय बचाता है बल्कि किसी भी अन्य ट्रैवेल मोड के मुकाबले इसमें सुरक्षा भी बेहतर है.

सबसे सुरक्षित ट्रांसपोर्ट

ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ एविएशन में एसोसिएट प्रोफ़ेसर चेंग-लुंग वू के मुताबिक, 'कार चलाने की तुलना में हवाई यात्रा में मृत्यु दर बहुत कम है.'

बेहद कम है मृत्यु दर

एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी विमान दुर्घटना में मृत्यु की संभावना 13.7 मिलियन में से 1 होती है. लेकिन यह इमरजेंसी के प्रकार और स्थिति पर भी निर्भर करता है.

संभावना 13.7 मिलियन में से 1

यदि आप सोच रहे हैं कि आपात स्थिति में कौन सी सीटें अधिक सुरक्षित हैं. तो जवाब स्पष्ट है कि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इमरजेंसी किस तरह की है.

इमरजेंसी पर निर्भर

लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि आमतौर पर विमान के बीच में या पीछे की सीट अधिक सुरक्षित होती है.

पीछे और बीच की सीट सेफ

टाइम मैग्जीन के FAA डेटा के विश्लेषण से पता चला कि विमान के पिछले तीसरे हिस्से में बैठे यात्रियों की दुर्घटनाओं में मृत्यु दर सबसे कम थी.

क्या कहता है FAA डाटा

वहीं एविएशन सेफ्टी रिसर्चर डैनियल क्वासी एडजेकम का भी यही मानना है. डैनियल कहते हैं कि, ज्यादातर विमान दुर्घटना में सामने का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होता है.

सामने का हिस्सा ज्यादा डैमेज

प्रोफेसर चेंग-लुंग वू के अनुसार, फ्लाइट में पंखों के पास (Wing Seats) की सीटें लाभदायक हो सकती हैं. क्योंकि विमान का ये हिस्सा स्टेबिलिटी और मतबूजी के साथ डिजाइन किया जाता है.

विंग के पास की सीट

इसके अलावा विंग के पास की सीटें आमतौर पर इमरजेंसी एग्जिट (Emergency Exits) के करीब होती हैं, जिससे यात्री के जल्दी से बचने की संभावना बढ़ जाती है.

इमरजेंसी एग्जिट के करीब

हालांकि विंग के पास की सीटें फ्यूल टैंक के ऊपर होती हैं, जिससे कुछ दुर्घटनाओं में आग लगने का खतरा हो सकता है. हालाँकि इमरजेंसी लैंडिंग से पहले फ्यूल टैंक को आमतौर पर गिरा दिया जाता है.

लेकिन... खतरा भी

एग्जिट-रो यानी बाहर निकलने वाली पंक्ति में भी बैठने से किसी भी आपात स्थिति के दौरान बचने की संभावना थोड़ा ज्यादा होती है. 

एग्जिट-रो की सीटें

हालांकि इस पहलू पर कम डेटा है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि, विंडो यानी खिड़की की सीटें बाहर निकलने के लिए सुविधाजनक नहीं होती हैं. इसमें यात्री फंस सकता है.

विंडो सीट

मिडिल यानी बीच की सीटें क्रैश या टक्कर के दौरान थोड़ी अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं. क्योंकि आस-पास के यात्री दूसरे फोर्स को कम कर सकते हैं.

मिडिल सीट

Aisle या गलियारे की सीटें जल्दी से बाहर निकलना आसान बनाती हैं, लेकिन किसी भी आपात स्थिति के दौरान ये दूसरे यात्रियों या किसी अन्य ऑब्जेक्ट से टकराने की स्थिति को भी बढ़ा देती हैं.

आइल या गलियारे की सीटें