Wedding Rituals: शादी में विदाई के वक्त लावा क्यों छिड़कते हैं?

19 APRIL 2025

Credit: META

आपने अपने घर या आसपास की शादियों में कई रस्में देखी होगी. हर राज्य में अलग-अलग रीति-रिवाज के हिसाब से अलग-अलग रस्में होती हैं.

इसी तरह आपने शादियों में विदाई के वक्त लड़की को लावा फेंकते जरूर देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं विवाह में लावा छिड़कने की रस्म क्यों की जाती है.

भारत की विवाहित परंपराओं में विवाह स्थल पर किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के रीति रिवाजों का अत्यंत महत्व होता है.

लावा छिड़कने की रस्म का आयोजन अमूमन फेरे से पहले किया जाता है, जब दूल्हा और दुल्हन अग्नि को साक्षी मानते हुए एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार करते हैं.

इस रस्म के दौरान, दूल्हा और दुल्हन के निकट संबंधी लावा (भुने हुए चावल) उनके ऊपर छिड़कते हैं. इन चावलों को पहले विशेष मंत्रों के साथ पवित्र अग्नि में हलका भून लिया जाता है.

इस रस्म का गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. लावे का छिड़काव समृद्धि, सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है.

इसे नव-दम्पति के लिए एक मंगलमय जीवन की कामना के रूप में देखा जाता है.  यह परंपरा सुंदरता, समर्पण और विश्वास के साथ एक नवजीवन की शुरुआत का संदेश देती है.

ऐसा माना जाता है कि लावा छिड़कने से बुरी आत्माओं का नाश होता है और दांपत्य जीवन में सुख और सौभाग्य आता है.

इसके अलावा, लावा छिड़कने की रस्म एकता और सामंजस्य का भी प्रतीक होती है. यह इस बात का सूचक है कि समाज और परिवार का समर्थन हमेशा नवविवाहित जोड़े के साथ है.