14 Aug 2025
Photo: PTI
किसानों को जब इस बात की जानकारी नहीं होती कि धान की फसल में कब और कितने यूरिया की जरूरत है तो लागत बढ़ने के साथ फसल में बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
Photo: PTI
पौधों के लिए जरूरत से ज़्यादा खाद नुकसानदायक है. अगर फसल को सही समय पर जरूरत के हिसाब से खाद-पानी देंगे तो पैदावार अच्छी होगी.
Photo: PTI
ज्यादा नाइट्रोजन से पौधे नरम हो जाते हैं, जिससे कीटों का हमला आसान होता है. ऐसे में किसानों के लिए जानना जरूरी है कि धान की फसल में कब और कितना खाद डालना चाहिए.
Photo: PTI
बाजार में लीफ कलर चार्ट (LCC), प्लास्टिक की छोटी सी पट्टी मिलती है. जिस पर हरे रंग के अलग-अलग शेड (हल्के पीले-हरे से गहरे हरे तक) होते हैं.
Photo: PTI
इन रंगों के हिसाब से धान के पत्ते का रंग देखकर पता लगाया जा सकता है कि पौधे में नाइट्रोजन (यूरिया) की मात्रा कम है या अधिक.
Photo: PTI
पत्ती का रंग हल्का होगा तो पौधे को अधिक नाइट्रोजन की जरूरत है. वहीं, पत्ती का रंग गहरा हरा होगा तो पौधे में पर्याप्त नाइट्रोजन है और यूरिया डालने की ज़रूरत नहीं है
Photo: PTI
लीफ कलर चार्ट का सही उपयोग करने के लिए खेत से कम से कम 10 पौधे चुनें.जांच करते समय पत्ती पर सीधी धूप नहीं पड़नी चाहिए.
Photo: PTI
इसके लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है.
Photo: PTI