देश में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी पड़ता है.
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ठंड के मौसम का ज्यादा असर दुधारू पशुओं पर पड़ता है, जिसके चलते वो दूध देना कम कर देते हैं. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि सर्दियों में गाय-भैंस की देखभाल कैसे करें.
ज्यादा सर्दी के कारण गाय-भैंस को निमोनिया, दस्त, अफरा रोग, खुरपका, मुंहपका और गलघोटूं जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो जाती है, जिसके कारण वो दूध देना कम कर देते हैं.
ठंड के मौसम में दुधारू पशुओं को बचा हुआ खाना ना दें क्योंकि इससे उनके पेट में गैस बनने लगती है और अफरा हो जाता है. इसलिए उन्हें हरे के साथ सूखा चारा और गुड़ भी खिलाएं.
अगर गाय-भैंस को निमोनिया हो जाए तो उन्हें रात के समय बाहर ना बांधे और गर्म पानी से नहलाएं. इसके अलावा उन्हें नौसादर, सौंठ और अजवायन को गुड़ के साथ मिलाकर दें और एंटीबायोटिक का इंजेक्शन लगवाएं.
दुधारू पशुओं को ठंडेला रोग होने पर उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है. गाय-भैंस को इस रोग से बचाने के लिए उन पर गर्म पानी डालें और उनकी नाक को थोड़ी देर के लिए मोटे कपड़े से ढ़क दें.
ठंडेला होने पर गाय-भैंस को अजवाइन, धनिया और मेथी का उबला पानी पिलाएं. इससे उन्हें आराम मिलेगा.
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सर्दियों के मौसम में गाय-भैंस को थनैला रोग भी हो जाता है, जिसके कारण उनके थनों में सूजन, दर्द और कड़ापन आ जाता है. इस वजह से गाय-भैंस फटा हुआ थक्केदार दूध देने लगती हैं.
थनैला रोग की वजह से गाय-भैंस के थनों में गांठे पड़ जाती है और दूध से दुर्गंध आने लगती है. इससे बचाव के लिए उनके थन में बीटाडीन लगाएं और अच्छे से थनों की सफाई करें.
इन उपायों के बाद भी अगर गाय-भैंस कम दूध दें रही हैं, तो फिर पशु चिकित्सक से संपर्क करें.