इस पौधे के जड़ों से बनती हैं दवाएं, खेती कर सालभर में  ही बन जाएंगे लखपति

18  July, 2023

By: Aajtak.in

सतावर पौधे को कई तरह के नामों से जाना जाता है. इसे सतावर, शतावरी, सतावरी, सतमूल और सतमूली.

इस पौधे के जड़़ों का ज्यादातर उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है. 

इसके अलावा इस पौधे में कीट पतंग नहीं लगते हैं. कांटेदार पौधा होने की वजह से इसे जानवर भी इसे खाना पसंद नहीं करते हैं.

रोपाई के बाद तकरीबन 12 से 14 माह बाद इस पौधे के जड़ को परिपक्व होने में लगता है. 

एक पौधे से करीब 500 से 600 ग्राम जड़ प्राप्त की जा सकती है. 

एक हेक्टेयर से औसतन 12 हजार से 14 हजार किलो ग्राम ताजी जड़ प्राप्त की जा सकती है. 

इसे सुखाने के बाद किसानों को 1 हजार से 1200 किलो ग्राम जड़ मिल जाती है. 

इसे बाजार में बेचने पर किसानों को एक एकड़ में 5-6 लाख रुपए तक की कमाई होती है.