पपीते की फसल में एक नई तरह की बीमारी देखने को मिल रही है.
इस रोग में पत्तियों के साथ-साथ उसके फलों पर भी धब्बे पड़ने शुरू हो जाते हैं.
यह रोग एस्परस्पोरियम कैरिका नामक कवक से होता है, जिसे पहले सेरकोस्पोरा कारिकाई नाम से जाना जाता था.
इस रोग में अगर पत्तियां गंभीर रूप से संक्रमित होती हैं तो वे भूरे रंग में बदल जाती हैं और मर जाती हैं.
फल पर धब्बे भी भूरे से काले और थोड़े धंसे होते हैं.
इस रोग से संक्रमित पेड़ों पर पैदावार कम होती है. साथ ही जो फल पेड़ पर लगे होते हैं वह भी गिर जाते हैं.
इस रोग को कॉपर ऑक्सी क्लोराइड, मैन्कोजेब या क्लोरोथालोनिल 2 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव का उपयोग करके आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है.