29 March 2024
Credit: Aajtak.in
खेतों में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो गई है. किसानों ने गेहूं की कटाई भी शुरू कर दी है तो कई राज्यों में किसान गेहूं कटाई की तैयारी भी कर रहे हैं, जिसे देखते हुए कई राज्य सरकारों ने MSP पर गेहूं खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है.
किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक, कई राज्यों में 1 अप्रैल से MSP पर गेहूं की खरीद शुरू होनी है. इसी तरह कई जगहों पर निजी कंंपनियों ने भी किसानों से गेहूं खरीदने का कार्यक्रम शुरू किया हुआ है.
ऐसे में अगर आप भी गेहूं बेचना चाहते हैं तो जान लीजिए MSP पर गेहूं खरीद के क्या हैं नियम.
MSP पर गेहूं बेचने के लिए गेहूं में 12 से 14 फीसदी तक नमी की मात्रा होने पर MSP पर उसकी खरीदी होती है. उससे अधिक मात्रा होने पर गेहूं की खरीदी नहीं की जाती है.
सेंटर में गेहूं में नमी की मात्रा मांपने के लिए एक मीटर होता है, जिसके आधार पर नमी की मात्रा मांपी जाती है.
एक क्विंटल यानी कुल फसल में 6 फीसदी सिकुड़े या टूटे गेहूं के दाने होने पर उसकी MSP पर खरीदी की जाएगी. गेहूं में सिकुड़े और टूटे दानों की पहचान के लिए कोई मशीन नहीं होती है. सेंटर इंजार्च के अनुभव और अधिकार क्षेत्र में ये तय करने की जिम्मेदारी होती है.
गेहूं में दूसरे अनाज की मात्रा 0.75 से अधिक नहीं होनी चाहिए. इससे अधिक होने पर किसानों को फसल साफ कराने की जरूरत होती है.फसल साफ होने के बाद ही अनाज की MSP पर बिक्री होती है.
बारिश की वजह से गेहूं के दानों का रंग उड़ जाता है. उस वजह से भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है.इसको लेकर नियम में बदलाव होता रहता है. अगर बारिश से किसानों की फसल को नुकसान होता है और गेहूं की चमक कम हो जाती है तो उसको लेकर राज्य सरकारें अनुमति लेती है.
वहीं नियम ये कहता है कि गेहूं की चमक में 10 फीसदी तक कमी होने पर पूरा MSP दिया जाएगा, उसके बाद चमक कम होने पर MSP में कटौती होती है.