05 Aug 2025
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क
धान की फसल में जड़ गलन का रोग आमतौर पर रोपाई के 20 से 30 दिन बाद दिखाई देता है.
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इस बीमारी की चपेट में आने से पौधे की जड़ें गल जाती हैं और पौधा सूख जाता है.
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आइए जानते हैं इस रोग के लक्षण, कारण और बचाव.
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धान के खेत में पानी की निकासी सही ढंग से नहीं होती तो जड़ों में सड़न होने लगती है और फसल नष्ट हो जाती है.
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मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने पर पौधों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे उसमें जड़ गलन रोग का खतरा बढ़ता है.
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गर्म और उमस भरे मौसम से भी धान की फसल पर जड़ गलन रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
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धान की फसल में जल गलन रोग का खतरा दिख रहा है तो खेत में जल जमाव न होने दें.
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रासायनिक उर्वरकों का कम इस्तेमाल करें. इसकी जगह जैविक खाद का उपयोग करें.जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहे.
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