धान की रोपाई के बाद इन बातों का नहीं रखा ध्यान तो बर्बाद हो जाएगी फसल!

05 Aug 2025

आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

धान की फसल में जड़ गलन का रोग आमतौर पर रोपाई के 20 से 30 दिन बाद दिखाई देता है. 

Photo: Pixabay

इस बीमारी की चपेट में आने से पौधे की जड़ें गल जाती हैं और पौधा सूख जाता है.

Photo: Pixabay

आइए जानते हैं इस रोग के लक्षण, कारण और बचाव.

Photo: Pixabay

धान के खेत में पानी की निकासी सही ढंग से नहीं होती तो जड़ों में सड़न होने लगती है और फसल नष्ट हो जाती है.

Photo: Pixabay

मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने पर पौधों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे उसमें जड़ गलन रोग का खतरा बढ़ता है.

Photo: Pixabay

गर्म और उमस भरे मौसम से भी धान की फसल पर जड़ गलन रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है.

Photo: Pixabay

धान की फसल में जल गलन रोग का खतरा दिख रहा है तो खेत में जल जमाव न होने दें.

Photo: Pixabay

रासायनिक उर्वरकों का कम इस्तेमाल करें. इसकी जगह जैविक खाद का उपयोग करें.जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहे.

Photo: Pixabay