आमतौर पर बाजारों में 100 से 150 रुपये प्रति किलो तक आम उपलब्ध होता है.
इसका इस्तेमाल पान, गुटखा मसाला के रूप में किया जाता है. धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान भी इसका उपयोग देखा जा सकता है.
सुपारी की खेती किसी भी तरह की मिट्टी पर की जा सकती है. हालांकि, दोमट चिकनी मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त है.
50 से 60 फीट लंबे यह पेड़ 5 से 8 सालों में फल देना शुरू कर देते हैं. ये पेड़ तकरीबन 70 साल तक मुनाफा देते रहते हैं.
सुपारी के पौधों की खेती बीज से पौधे को तैयार करके यानी की नर्सरी तकनीक से करते हैं. सबसे पहले बीजों को क्यारियों में तैयार किया जाता है.
वहां पौधे के रूप में विकसित होने के बाद इसकी खेतों में रोपाई कर दी जाती है.
इसकी कीमत तकरीबन 400 रुपए से लेकर 600 रुपए प्रति किलो तक होती है. एक एकड़ में किसान सुपारी की खेती करते हैं तो ये मुनाफा लाखों में पहुंच सकता है.