पशुपालक जानकारी के अभाव में गाय-भैंस में होने वाले दाद, खुजली और जूं होने पर ध्यान नहीं देते हैं.
इसके चलते गाय-भैंस को किलनी और जूं लग जाते हैं जिससे उन्हें लाइम रोग, क्यू ज्वर, बबेसिओसिस जैसी कई बीमारियां हो जाती हैं.
इससे गाय-भैंस तनाव में आ जाती हैं और दूध देना कम कर देती हैं.
ये समस्या ज्यादा दिनों तक रहने पर पशु बहुत कमजोर भी जाते हैं. कई बार पशुओं के बच्चों (बछड़े-पड़वा आदि) की मौत तक हो जाती है.
किलनी और जूं के खिलाफ नीम और माला पौधों की पत्तियों का घोल काफी कारगर है.
Credit: Credit name
इस घोल को तैयार करने के लिए ढाई किलो नीम की पत्ती को चार लीटर पानी में और माला प्लांट (निरर्गुंडी) की दो किलो पत्ती को एक लीटर पानी में उबालना है.
फिर 12 घंटे तक इसको रख देना है.
12 घंटे रखने के बाद नीम और माला के घोल को छानकर नौ लीटर पानी में मिलाकर घोल को तैयार कर लिया जाता है.
इस घोल को गाय-भैंस के ऊपर तीन दिन तक सुबह और शाम स्प्रे करना है. हमारे द्वारा प्रयोग में यह देखा गया कि 80 से 85 फीसदी किलनी खत्म हो जाती हैं.