रेगिस्तान में भी मछली पालन! इस इजरायली तकनीक को अपना लिया तो होगा मुनाफा

06 Sept 2023

By: aajtak.in

भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 1500 घन मीटर है, वहीं इजराइल में पानी की उपलब्धता प्रति व्यक्ति मात्र 200 घन मीटर है. 

इस कमी को इजराइल ने आड़े नहीं आने दिया.

इजराइल में मछली पालन करने वाले किसान ऐसी तकनीक का उपयोग करते हैं जिसकी मदद से रेगिस्तान में भी फिश फार्मिंग की जा सकती है.

आपको सुनकर भले हैरानी हो कि रेगिस्तान में मछलीपालन भला कैसे संभव है, लेकिन इसे संभव कर दिखाया जीएफए यानि ग्रो फिश एनीव्हेयर की एडवांस्ड तकनीक ने.

 इजराइल के इस जीरो डिस्चार्ज सिस्टम ने मछली पालन के लिए बिजली और मौसम की बाध्यता को खत्म कर दिया है. 

इस तकनीक में मछलियों को एक टैंकर में पाला जाता है, जिसे हम आज के परिदृश्य में रिसर्कुलेशन एक्वाकल्चर सिस्टम कहते हैं.

इन मछलियों के पालन के लिए सीमित मात्रा में ही पानी की जरूरत होती है.

साथ ही बिना रासायनिक उपचार के मछलियों का पालन होता है तो मत्स्य पालकों का खर्च भी कम आता है.

जिस पानी में मछलियां पाली जाती हैं उसे उपचारित करने के लिए जैविक फिल्टर बैक्टीरिया का उपयोग करते हैं.

यह सिस्टम दुनिया में कहीं भी खारे पानी की मछली पालने के लिए इंस्टाल की जा सकती है. 

रेगिस्तानों के लिए ग्रो फिश एनीव्हेयर की तकनीक काफी फायदेमंद हो सकती है.