फलदार पेड़ों में आजकल एक नई समस्या देखने को मिल रही है, जिसकी वजह है मशरूम प्रजाति का गैनोडर्मा ल्यूसिडम.
ये लकड़ी को नष्ट करने वाला कवक है जो फलों के पेड़ पौधों पर हानिकारक प्रभाव डालता है.
गैनोडर्मा ल्यूसिडम तने के आधार को संक्रमित करके फलों के पेड़ों पर हमला करता है.
यह हार्टवुड और सैपवुड दोनों को सड़ाना शुरू कर देता है.
पेड़ के निचले हिस्से में सड़न होने की वजह से पेड़ का पानी और पोषक तत्वों के परिवहन की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है.
इसके चलते, प्रभावित पेड़ों में मुरझाने, पत्तियों का पीला पड़ना, फल बनने के विकास में कमी और आखिर में पेड़ की मृत्यु जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
पेड़ की कमज़ोर अवस्था बैक्टीरिया, कवक या कीटों द्वारा द्वितीयक संक्रमण को बढ़ावा देती है, जिससे पेड़ के सूखने की प्रक्रिया तेज हो जाती हैं.
हालांकि, गैनोडर्मा ल्यूसिडम, यह एक मेडिसिनल मशरूम है, जिसे आमतौर पर रीशी मशरूम के रूप में जाना जाता है.
पारंपरिक चीनी चिकित्सा में इसके उपयोग का एक लंबा इतिहास है.
औषधीय गुणों के चलते चिकित्सक भी इसके सेवन की सलाह देते हैं.
औषधीय गुणों के चलते चिकित्सक भी इसके सेवन की सलाह देते हैं. देश के कई राज्यों में किसान इस मशरूम की खेती भी करते हैं और बंपर कमाई भी कर रहै हैं.
दवाई बनाने वाली कई कंपनियां गैनोडर्मा मशरूम से चाय, कॉफी, एनर्जी सप्लीमेंट, हेल्थ बूस्टर, पेय पदार्थ, पके हुये फूड्स और एंटी-एजिंग ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बना रही हैं.