मछलीपालन किसानों की आय बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकता है.
अच्छे लाभ के लिए तालाब में मछलियों के बीज छोड़ने और पकड़ने का सही समय जानना जरूरी है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, दिसंबर से मई के दौरान मृदा में अम्लता की समस्या अधिक रहती है. वर्षा की शुरुआत के दिनों में ऊंची क्यारियों की ऑक्सीडाइज्ड मृदा में अम्लता घुल जाती है.
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बता दें कि अम्लीय जल मछलियों की वृद्धि के लिए हानिकारक रहता है.
अम्लीय जल मृदा में विषाक्त तत्वों को छोड़ता है, जिससे मछलियों की त्वचा एवं आंखें खराब हो जाती हैं.
अम्लीय जल की अवधि को ध्यान में रखकर जुलाई में मछलियों के बीज को तालाब में छोड़ना चाहिए. इस समय जल का पी-एच मान एवं लवणता एक समान बने रहते हैं.
शुष्क अवधि के बाद अप्रैल-मई में जब आरंभिक वर्षा हो, तब तालाब से मछलियों को पकड़ना चाहिए.
मछलियों की त्वचा, गिल्स एवं आंखों को खराब होने से बचाने के लिए यह समय सही रहता है.