06 Dec 2024
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रबी सीजन में दलहनी फसलों की बुवाई की जाती है. लेकिन इस महीने दलहन फसलों में कई प्रकार के रोग लगने का खतरा बना रहता है.
ऐसे में किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर समय पर लगने वाले रोग की पहचान करके फसलों को नुकसान से बचा सकते हैं.
दलहनी फसलों में उकठा रोग, हरदा रोग और स्टेमफिलियम ब्लाइट का खतरा अधिक रहता है.
इन्हीं समस्याओं से निजात के लिए बिहार कृषि विभाग ने दलहनी फसलों में लगने वाले कीटों की पहचान और उनके प्रबंधन का वैज्ञानिक तरीका बताया है.
उकठा रोग बचाव के लिए किसानों को दलहनी फसलों की बुवाई से पहले बीजों का ट्राईकोडर्मा का 5 ग्राम या कार्बेन्डाजिम का 2 ग्राम मात्रा को एक किलो बीज के हिसाब से उपचारित करना चाहिए.
बुवाई के बाद फसल में संक्रमण दिखने पर किसान कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 की 3 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर पौधों की जड़ों पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
बुवाई के बाद फसल में संक्रमण दिखने पर किसान कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 की 3 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर पौधों की जड़ों पर इस्तेमाल कर सकते हैं.