खेतों में उगने वाली कुछ प्रकार की घास भी फसलों के लिए श्राप का काम करती हैं.
आज हम बात कर रहे हैं गाजर घास की. ये एक उष्णकटिबंधीय अमेरीकी मूल का शाकीय पौधा है.
भारत में इस गाजर घास को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है. इसमें चांदनी घास, पंधारी फुले, चटक चांदनी, मोथा जैसे नाम ज्यादा लोकप्रिय हैं.
सबसे बड़ी बात ये है कि पौधा एक बार अगर उग जाता है तो एक साल तक खेत में बना रहता है.
इस पौधे की ऊंचाई 0.5-1 मीटर तक होती है. वहीं 6 से 8 महीने का होते ही ये पौधा फूलने लगता है.
धीरे-धीरे ये घास पूरे खेतों में फैल जाती है. इससे पूरी फसल सूख कर खराब हो जाती है.
खतरनाक बात ये है कि ये घास सिर्फ हमारी फसलों को ही बर्बाद नहीं कर रही. बल्कि गाय भैसों में भी कई तरह की बीमारियां पैदा कर रही है.