आंध्र प्रदेश के एक मछुआरे को सोन मछली मिली है.
दरअसल इसे सोन मछली इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उसकी कीमत मछली की नहीं बल्कि सोने वाली है.
कोनासीमा जिले के बालुसु टिप्पा के रहने वाले मछुआरे को कचिरी मछली मिली जिसका वजन 20 किलो है.
सोमवार को हुई नीलामी में मछुआरे को एक मछली के लिए 3.30 लाख रुपये मिले.
कचिरी मछली के कुछ हिस्सों, पित्ताशय (गॉल ब्लैडर) और उसके फेफड़ों के कुछ हिस्सों का उपयोग सर्जरी के दौरान डॉक्टरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले धागे के निर्माण के लिए भी किया जाता है.
इसके एयर ब्लैडर और मांस का उपयोग दवा कंपनियों द्वारा दवाएं तैयार करने में किया जाता है.
यहां तक कि महंगी शराबों में भी इसे डाला जाता है.